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सोमवार, 28 दिसंबर 2009

विकासवाद के सिद्धांत पर बहस

विकासवाद के सिद्धांत ने दुनिया की सबसे प्रसिद्ध बहस को भी जन्म दिया। यह बहस ३० जून, १८६० को, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के संग्रहालय में थॉमस हक्सले और बिशप सैमुअल विलबफोर्स के बीच हुई। बिशप सैमुअल, डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत के विरोधी और हक्सले समर्थक थे। बिशप सैमुअल विलबफोर्सबिशप सैमुअल बहुत अच्छा बोलते थे। वे सोचते थे कि यह बहुत अच्छा तरीका है कि जब डार्विन के विकासवाद को सिद्धांत हमेशा के लिए समाप्त किया जा सकता है। इस बहस में क्या बोला गया इसका रिकार्ड तो उपलब्ध नहीं है पर कहा जाता है कि बिशप ने हक्सले से प्रश्न पूछा, 'आप अपने को अपनी माता की तरफ अथवा पिता की तरफ से बंदरो का वंशज कहलाना पसन्द करेंगे।'हक्सले ने सोचा, ईश्वर ने ही बिशप को मेरे हाथ में सौंप दिया है उसने जवाब दिया, 'If..the question is put to me, would I rather have a miserable ape for a grandfather or a may highly endowed by nature and possessed of great means of influence, and yet who employs these faculties and that influence for the mere purpose of introducing ridicule into a grave scientific discussion... I unhesitatingly affirm my preference for the ape.'यदि मुझसे यह प्रश्न पूछा जाए कि क्या मैं बन्दरों से नाता जोड़ना चाहूँगा या ऐसे व्यक्ति से जो शक्तिशाली है, महत्वपूर्ण है, और वह वैज्ञानिक तथ्यों को मज़ाक के रूप में लेना चाहता है तो ऐसे व्यक्ति की जगह, मैं बन्दरों से रिश्ता जोड़ना चाहूँगा।प्रबुद्व लोगों के बीच यह बहस तभी समाप्त हो गयी जब हक्सले ने इसका उत्तर दिया। लेकिन कुछ लोग, सृजनवादी इसे मानने से इंकार करते हैं।

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