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रविवार, 24 जुलाई 2011

धरती से दूर मिला पानी का अथाह भंडार


अगर आपको लगता है कि पृथ्वी के विशाल महासागर इस ब्रह्मांड के विशालतम 'जल भंडार' हैं तो आप गलत हैं। खगोल विज्ञानियों ने ब्रह्मांड के सबसे विशाल जल भंडार का पता लगाया है, जो भाप के बादलों के रूप में है और इन बादलों में मौजूद पानी का भंडार पृथ्वी पर मौजूद जल से 140 अरब गुना ज्यादा है और इसका घनत्व हमारे सूर्य से एक लाख गुना ज्यादा है।
पानी का ये अथाह भंडार मिला है आकाश गंगा के सबसे चमकीले और सबसे सक्रिय केंद्र, क्वासर में...और इसकी खोज की है कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी के वैज्ञानिकों ने। क्वासर आकाशगंगा के केंद्र में पाए जाने वाले सबसे चमकीले पिंड होते हैं।
वैज्ञानिकों ने एक विशेष क्वासर APM 08279+5255 के अध्ययन से यहां मौजूद पानी के इस विशालतम भंडार का पता लगाया है। ये क्वासर हमारे सूरज जैसे एक हजार खरब सूरज के बराबर ऊर्जा पैदा करता है। क्वासर की पृथ्वी से दूरी 12 अरब प्रकाश वर्ष है यानी इससे फूट रही रोशनी 12 अरब साल बाद अब पृथ्वी पर पहुंची है। जल भंडार खोजने वाले दल के प्रमुख मैट ब्रैडफोर्ड ने कहा कि इस क्वासर के चारों ओर का वातावरण काफी अदभुत है। ये एक प्रयोगशाला जैसा है जहां ऑक्सीजन और हाइड्रोजन को मिलाकर पानी को बनाने का काम जारी है...लेकिन गर्मी इतनी ज्यादा है कि यहां बनने वाला पानी भाप के बादलों के रूप में इकट्ठा हो रहा है। क्वासर में मौजूद भारी मात्रा में पानी साबित करता है कि पानी केवल हमारी धरती में ही नहीं बल्कि पूरे ब्रह्मांड में मौजूद है। ब्रैडफोर्ड ने कहा कि इस शोध के नतीजों को 'एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स' के अगले अंक में छापा जाएगा। ब्रैडफोर्ड ने कहा कि आकाशगंगा में जलवाष्प मौजूद हैं, लेकिन इनकी मात्रा क्वासार से चार हजार गुना कम है। आकाशगंगा में जल ज्यादातर बर्फ के रूप में है।

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